दंडरत्न: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> चक्रवर्ती का एक निर्जीव रत्न । यह सेना के आगे चलता है । सगर के पुत्रों ने इसी से कैलास के चारों ओर खाई खोदी थी । <span class="GRef"> महापुराण 29.7, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 5. 247-250 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चक्रवर्ती का एक निर्जीव रत्न । यह सेना के आगे चलता है । सगर के पुत्रों ने इसी से कैलास के चारों ओर खाई खोदी थी । <span class="GRef"> महापुराण 29.7, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#247|पद्मपुराण - 5.247-250]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
चक्रवर्ती का एक निर्जीव रत्न । यह सेना के आगे चलता है । सगर के पुत्रों ने इसी से कैलास के चारों ओर खाई खोदी थी । महापुराण 29.7, पद्मपुराण - 5.247-250