देखो भाई! आतमदेव बिराजै: Difference between revisions
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Latest revision as of 01:03, 17 February 2008
(राग गौरी)
देखो भाई! आतमदेव बिराजै ।।टेक ।।
इसही हूठ हाथ देवलमैं, केवलरूपी राजै ।।
अमल उजास जोतिमय जाकी, मुद्रा मंजुल छाजै ।
मुनिजनपूज अचल अविनाशी, गुण बरनत बुधि लाजै ।।१ ।।देखो. ।।
परसंजोग समल प्रतिभासत, निज गुण मूल न त्याजै ।
जैसे फेटक पखान हेतसों, श्याम अरुन दुति साजैं ।।२ ।।देखो. ।।
`सोऽहं' पद समतासो ध्यावत, घटहीमैं प्रभु पाजै ।
`भूधर' निकट निवास जासुको, गुरु बिन भरम न भाजै ।।३ ।।देखो. ।।