निर्दंड: Difference between revisions
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नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/43 <span class="SanskritText">मनोदंडो वचनदंड: कायदंडश्चेत्येतेषां योगयद्रव्यभावकर्मणामभावान्निर्दंड:। </span>=<span class="HindiText">मनदंड अर्थात् मनोयोग, वचनदंड और कायदंड के योग्य द्रव्यकर्मों तथा भावकर्मों का अभाव होने से आत्मा निर्दंड है। </span> | <span class="GRef"> नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/43 </span><span class="SanskritText">मनोदंडो वचनदंड: कायदंडश्चेत्येतेषां योगयद्रव्यभावकर्मणामभावान्निर्दंड:। </span>=<span class="HindiText">मनदंड अर्थात् मनोयोग, वचनदंड और कायदंड के योग्य द्रव्यकर्मों तथा भावकर्मों का अभाव होने से आत्मा निर्दंड है। </span> | ||
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Latest revision as of 15:23, 15 September 2022
नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/43 मनोदंडो वचनदंड: कायदंडश्चेत्येतेषां योगयद्रव्यभावकर्मणामभावान्निर्दंड:। =मनदंड अर्थात् मनोयोग, वचनदंड और कायदंड के योग्य द्रव्यकर्मों तथा भावकर्मों का अभाव होने से आत्मा निर्दंड है।