रौद्रभूति: Difference between revisions
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<p> कौशांबी नगरी के राजा विश्वानल और रानी प्रतिसंध्या का पुत्र । यह काकोनद म्लेच्छों का स्वामी था । यह लक्ष्मण के आगे नतमस्तक हो गया था । राम ने इससे बालखिल्य को बंधनमुक्त कराया था । इसके पश्चात् यह बालखिल्य का मित्र बन गया था । अपना समस्त धन बालखिल्य को देकर यह उसका आज्ञाकारी हो गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 34.76-78, 84, 91, 98, 104-105 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> कौशांबी नगरी के राजा विश्वानल और रानी प्रतिसंध्या का पुत्र । यह काकोनद म्लेच्छों का स्वामी था । यह लक्ष्मण के आगे नतमस्तक हो गया था । राम ने इससे बालखिल्य को बंधनमुक्त कराया था । इसके पश्चात् यह बालखिल्य का मित्र बन गया था । अपना समस्त धन बालखिल्य को देकर यह उसका आज्ञाकारी हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_34#76|पद्मपुराण - 34.76-78]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_34#84|पद्मपुराण - 34.84]], 91, 98, 104-105 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
कौशांबी नगरी के राजा विश्वानल और रानी प्रतिसंध्या का पुत्र । यह काकोनद म्लेच्छों का स्वामी था । यह लक्ष्मण के आगे नतमस्तक हो गया था । राम ने इससे बालखिल्य को बंधनमुक्त कराया था । इसके पश्चात् यह बालखिल्य का मित्र बन गया था । अपना समस्त धन बालखिल्य को देकर यह उसका आज्ञाकारी हो गया था । पद्मपुराण - 34.76-78,पद्मपुराण - 34.84, 91, 98, 104-105