रौद्रास्त्र
From जैनकोष
हजारों अस्त्रों से युक्त एक दिव्य अस्त्र । समुद्रविजय ने भाई वसुदेव के लिए इसका व्यवहार किया था । वसुदेव ने समुद्रविजय के इस अस्त्र को ब्रह्मशिरि-अस्त्र के द्वारा काट डाला था । हरिवंशपुराण - 31.122-123
हजारों अस्त्रों से युक्त एक दिव्य अस्त्र । समुद्रविजय ने भाई वसुदेव के लिए इसका व्यवहार किया था । वसुदेव ने समुद्रविजय के इस अस्त्र को ब्रह्मशिरि-अस्त्र के द्वारा काट डाला था । हरिवंशपुराण - 31.122-123