वायुवेग: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) राजा वसुदेव और रानी गंधर्वसेना का ज्येष्ठ पुत्र । अमितगति और महेंद्रगिरि का यह अग्रज था । | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) राजा वसुदेव और रानी गंधर्वसेना का ज्येष्ठ पुत्र । अमितगति और महेंद्रगिरि का यह अग्रज था । <span class="GRef">हरिवंश पुराण 48.55</span></p> | ||
<p id="2">(2) राजा वसुदेव तथा रानी वेगवती का कनिष्ठ पुत्र । वेगवान् का यह अनुज था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.60 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) राजा वसुदेव तथा रानी वेगवती का कनिष्ठ पुत्र । वेगवान् का यह अनुज था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#60|हरिवंशपुराण - 48.60]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) एक विद्याधर । इसने अर्चिमाली विद्याधर के साथ हस्तिक्रीडा में लीन वसुदेव का अपहरण किया था और ले जाकर उसे विजयार्ध पर्वत पर कुंजरावर्त नगर के सर्वकामिक उद्यान में | <p id="3" class="HindiText">(3) एक विद्याधर । इसने अर्चिमाली विद्याधर के साथ हस्तिक्रीडा में लीन वसुदेव का अपहरण किया था और ले जाकर उसे विजयार्ध पर्वत पर कुंजरावर्त नगर के सर्वकामिक उद्यान में छोड़ा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_19#67|हरिवंशपुराण - 19.67-71]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी पर स्थित शुक्रप्रभ नगर के राजा इंद्रदत्त और रानी यशोधरा का पुत्र । किन्नरगीत नगर के राजा चित्रचूल की पुत्री सुकांता इसकी पत्नी तथा शांतिमती पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.91-64 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी पर स्थित शुक्रप्रभ नगर के राजा इंद्रदत्त और रानी यशोधरा का पुत्र । किन्नरगीत नगर के राजा चित्रचूल की पुत्री सुकांता इसकी पत्नी तथा शांतिमती पुत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.91-64 </span></p> | ||
<p id="5">(5) विजयार्ध पर्वत की दक्षिण दिशा में स्थित रत्नपुर नगर के विद्याधरों के स्वामी रत्नरथ और रानी चंद्रानना का तीसरा पुत्र । हरिवेग और मनोवेग का यह छोटा भाई और मनोरमा बहिन थी । युद्ध में पराजित होने पर अपनी बहिन मनोरमा इसे लक्ष्मण के साथ विवाहनी | <p id="5" class="HindiText">(5) विजयार्ध पर्वत की दक्षिण दिशा में स्थित रत्नपुर नगर के विद्याधरों के स्वामी रत्नरथ और रानी चंद्रानना का तीसरा पुत्र । हरिवेग और मनोवेग का यह छोटा भाई और मनोरमा बहिन थी । युद्ध में पराजित होने पर अपनी बहिन मनोरमा इसे लक्ष्मण के साथ विवाहनी पड़ी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_93#1|पद्मपुराण - 93.1-56]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) राजा वसुदेव और रानी गंधर्वसेना का ज्येष्ठ पुत्र । अमितगति और महेंद्रगिरि का यह अग्रज था । हरिवंश पुराण 48.55
(2) राजा वसुदेव तथा रानी वेगवती का कनिष्ठ पुत्र । वेगवान् का यह अनुज था । हरिवंशपुराण - 48.60
(3) एक विद्याधर । इसने अर्चिमाली विद्याधर के साथ हस्तिक्रीडा में लीन वसुदेव का अपहरण किया था और ले जाकर उसे विजयार्ध पर्वत पर कुंजरावर्त नगर के सर्वकामिक उद्यान में छोड़ा था । हरिवंशपुराण - 19.67-71
(4) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी पर स्थित शुक्रप्रभ नगर के राजा इंद्रदत्त और रानी यशोधरा का पुत्र । किन्नरगीत नगर के राजा चित्रचूल की पुत्री सुकांता इसकी पत्नी तथा शांतिमती पुत्री थी । महापुराण 63.91-64
(5) विजयार्ध पर्वत की दक्षिण दिशा में स्थित रत्नपुर नगर के विद्याधरों के स्वामी रत्नरथ और रानी चंद्रानना का तीसरा पुत्र । हरिवेग और मनोवेग का यह छोटा भाई और मनोरमा बहिन थी । युद्ध में पराजित होने पर अपनी बहिन मनोरमा इसे लक्ष्मण के साथ विवाहनी पड़ी थी । पद्मपुराण - 93.1-56