शीलगुप्त: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) जंबूद्वीपस्थ भरतक्षेत्र के एक मुनि । राजा जयकुमार तथा एक नागयुगल ने इन्हीं मुनि से धर्मश्रवण किया था । <span class="GRef"> महापुराण 43. 88-90, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.5-6 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) जंबूद्वीपस्थ भरतक्षेत्र के एक मुनि । राजा जयकुमार तथा एक नागयुगल ने इन्हीं मुनि से धर्मश्रवण किया था । <span class="GRef"> महापुराण 43. 88-90, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.5-6 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा प्रजापाल के दीक्षागुरु <span class="GRef"> महापुराण 46.19-20, 48 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा प्रजापाल के दीक्षागुरु <span class="GRef"> महापुराण 46.19-20, 48 </span></p> | ||
<p id="3">(3) राजपुर नगर के मनोहर उद्यान में स्थित अवधिज्ञानी मुनि । इन्होंने ही राजपुर नगर के गंधोत्कट सेठ को उसके एक पुण्यात्मा पुत्र होना बताया था । <span class="GRef"> महापुराण 75.198-204 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) राजपुर नगर के मनोहर उद्यान में स्थित अवधिज्ञानी मुनि । इन्होंने ही राजपुर नगर के गंधोत्कट सेठ को उसके एक पुण्यात्मा पुत्र होना बताया था । <span class="GRef"> महापुराण 75.198-204 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
(1) जंबूद्वीपस्थ भरतक्षेत्र के एक मुनि । राजा जयकुमार तथा एक नागयुगल ने इन्हीं मुनि से धर्मश्रवण किया था । महापुराण 43. 88-90, पांडवपुराण 3.5-6
(2) जंबूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी के राजा प्रजापाल के दीक्षागुरु महापुराण 46.19-20, 48
(3) राजपुर नगर के मनोहर उद्यान में स्थित अवधिज्ञानी मुनि । इन्होंने ही राजपुर नगर के गंधोत्कट सेठ को उसके एक पुण्यात्मा पुत्र होना बताया था । महापुराण 75.198-204