सप्तसप्तमतप: Difference between revisions
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<p> एक प्रकार का तप इसमें पहले दिन उपवास और इसके बाद एक-एक ग्रास बढ़ाते हुए आठवें दिन सात ग्रास आहार लेने के पश्चात् इसके विपरीत एक-एक ग्रास घटाते हुए अंतिम सोलहवें दिन उपवास किया जाता है । यह क्रिया इस तप में सात बार की जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.91 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक प्रकार का तप इसमें पहले दिन उपवास और इसके बाद एक-एक ग्रास बढ़ाते हुए आठवें दिन सात ग्रास आहार लेने के पश्चात् इसके विपरीत एक-एक ग्रास घटाते हुए अंतिम सोलहवें दिन उपवास किया जाता है । यह क्रिया इस तप में सात बार की जाती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#91|हरिवंशपुराण - 34.91]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
एक प्रकार का तप इसमें पहले दिन उपवास और इसके बाद एक-एक ग्रास बढ़ाते हुए आठवें दिन सात ग्रास आहार लेने के पश्चात् इसके विपरीत एक-एक ग्रास घटाते हुए अंतिम सोलहवें दिन उपवास किया जाता है । यह क्रिया इस तप में सात बार की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.91