सप्तवर्ण
From जैनकोष
(1) प्रत्येक गांठ पर सात-सात पत्तों को धारण करने वाले वृक्षों का समवसरण में एक उद्यान । महापुराण 22.199-204
(2) समवसरण में सप्तपर्ण वन के मध्य रहने वाला एक चैत्यवृक्ष । इसके मूलभाग में जिन प्रतिमाएँ विराजमान होती है । तीर्थंकर अजितनाथ ने इसी वृक्ष के नीचे मुनि दीक्षा ली थी । महापुराण 22. 200-204, पद्मपुराण 20-38
(3) सप्तपर्णपुर का निवासी एक देव । हरिवंशपुराण - 5.427
(4) संख्यात द्वीपों के पश्चात् जंबूद्वीप के समान दूसरे जंबूद्वीप का एक वन । हरिवंशपुराण - 5.397-422