स्तरक: Difference between revisions
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
दूसरे नरक का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चवालीस और विदिशाओं में एक सौ चालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.78,हरिवंशपुराण - 4.105 देखें शर्कराप्रभा