स्तरक
From जैनकोष
दूसरे नरक का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चवालीस और विदिशाओं में एक सौ चालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.78,हरिवंशपुराण - 4.105 देखें शर्कराप्रभा
दूसरे नरक का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चवालीस और विदिशाओं में एक सौ चालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.78,हरिवंशपुराण - 4.105 देखें शर्कराप्रभा