शुभयोग: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef">राजवार्तिक/6/3/2-3/507/6</span> <span class="SanskritText">कथं योगस्य शुभाशुभत्वम् ?....शुभपरिणामनिर्वृत्तो योगः शुभः, अशुभपरिणामनिर्वृत्तश्चाशुभ इति कथ्यते, न शुभाशुभकर्मकारणत्वेन । यद्येवमुच्येत; शुभयोग एव न स्यात्, शुभयोगस्यापि ज्ञानावरणादिबंधहेतुत्वाभ्युपगमात् । </span>= <span class="HindiText"><strong>प्रश्न−</strong>योग में शुभ व अशुभपना क्या ? <strong>उत्तर−</strong>शुभ परिणामपूर्वक होने वाला योग शुभयोग है तथा अशुभ परिणाम से होने वाला अशुभयोग है । शुभ - अशुभ कर्म का कारण होने से योग में शुभत्व या अशुभत्व नहीं है क्योंकि शुभयोग भी ज्ञानावरण आदि अशुभ कर्मों के बंध में भी कारण होता है । <br /> </span> | |||
<span class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ योग#2.6 | योग - 2.6]]। </span> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 11: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: श]] | [[Category: श]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 20:34, 27 August 2023
राजवार्तिक/6/3/2-3/507/6 कथं योगस्य शुभाशुभत्वम् ?....शुभपरिणामनिर्वृत्तो योगः शुभः, अशुभपरिणामनिर्वृत्तश्चाशुभ इति कथ्यते, न शुभाशुभकर्मकारणत्वेन । यद्येवमुच्येत; शुभयोग एव न स्यात्, शुभयोगस्यापि ज्ञानावरणादिबंधहेतुत्वाभ्युपगमात् । = प्रश्न−योग में शुभ व अशुभपना क्या ? उत्तर−शुभ परिणामपूर्वक होने वाला योग शुभयोग है तथा अशुभ परिणाम से होने वाला अशुभयोग है । शुभ - अशुभ कर्म का कारण होने से योग में शुभत्व या अशुभत्व नहीं है क्योंकि शुभयोग भी ज्ञानावरण आदि अशुभ कर्मों के बंध में भी कारण होता है ।
अधिक जानकारी के लिये देखें योग - 2.6।