अचित्त: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p>जीव सहित पदार्थों को सचित्त कहते हैं। सूखने से, अग्नि पर पकने से, कटने छटने से अथवा नमक आदि पदार्थों से संसक्त होने पर वनस्पति, जल आदि पदार्थ अचित्त हो जाते हैं। भक्ष्य पदार्थों का सचित्ताचित्त विचार - देखें [[ सचित्त#5 | सचित्त - 5]]।</p> | |||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> वस्तु के सचित्त और अचित्त दो भेदों में दूसरा भेद-जीव रहित प्रासुक वस्तुएँ । <span class="GRef"> महापुराण 20.165 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वस्तु के सचित्त और अचित्त दो भेदों में दूसरा भेद-जीव रहित प्रासुक वस्तुएँ । <span class="GRef"> महापुराण 20.165 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
जीव सहित पदार्थों को सचित्त कहते हैं। सूखने से, अग्नि पर पकने से, कटने छटने से अथवा नमक आदि पदार्थों से संसक्त होने पर वनस्पति, जल आदि पदार्थ अचित्त हो जाते हैं। भक्ष्य पदार्थों का सचित्ताचित्त विचार - देखें सचित्त - 5।
पुराणकोष से
वस्तु के सचित्त और अचित्त दो भेदों में दूसरा भेद-जीव रहित प्रासुक वस्तुएँ । महापुराण 20.165