काय विनय: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <span class="GRef">सर्वार्थसिद्धि/9/23/442/2</span> <span class="SanskritText">प्रत्यक्षेष्बाचार्यादिष्वभ्युत्थानाभिगमनांजलिकरणादिरुपचारविनयः। परोक्षेष्वपि कायवाङ्म-नोऽभिरंजलिक्रियागुणसंकीर्तनानुस्मरणादिः।</span> = <span class="HindiText">आचार्य आदि के समक्ष आने पर खड़े हो जाना, उनके पीछे-पीछे चलना और नमस्कार करना आदि उपचार विनय है, तथा उनके परोक्ष में भी '''काय''' वचन और मन से नमस्कार करना, उनके गुणों का कीर्तन करना और स्मरण करना आदि उपचार '''विनय''' है। </span><br /> | ||
< | <span class="HindiText"> देखें [[ विनय ]]।</span> | ||
[[Category:क]] | <noinclude> | ||
[[ काय | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ काय शुद्धि | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: क]] | |||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 11:17, 20 February 2023
सर्वार्थसिद्धि/9/23/442/2 प्रत्यक्षेष्बाचार्यादिष्वभ्युत्थानाभिगमनांजलिकरणादिरुपचारविनयः। परोक्षेष्वपि कायवाङ्म-नोऽभिरंजलिक्रियागुणसंकीर्तनानुस्मरणादिः। = आचार्य आदि के समक्ष आने पर खड़े हो जाना, उनके पीछे-पीछे चलना और नमस्कार करना आदि उपचार विनय है, तथा उनके परोक्ष में भी काय वचन और मन से नमस्कार करना, उनके गुणों का कीर्तन करना और स्मरण करना आदि उपचार विनय है।
देखें विनय ।