सूर्यंजय: Difference between revisions
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Latest revision as of 22:36, 17 November 2023
दशरथ के पूर्वभव का जीव । यह विदेहक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत पर स्थित शशिपुर के राजा रत्नमाली और रानी विद्युल्लता का पुत्र था । अपने पिता को देव द्वारा कहे वचन सुनकर इसे वैराग्य उत्पन्न हुआ । इसने अपने पुत्र कुलंद को राज्य देकर पिता के साथ तिलकसुंदर आचार्य से दीक्षा ले ली थी तथा तप करके यह महाशुक्र स्वर्ग ने देव हुआ और वहाँ से चयकर दशरथ हुआ । पद्मपुराण - 31.34-35 50-54