हरिदास: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText"> जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में सद्रतुनगर के भावन वणिक् का पुत्र । इसने व्यसनों में पड़कर पिता का धन नष्ट कर दिया था और भ्रांति में पड़कर अपने पिता को भी मार डाला था । अंत में यह भी दु:ख पूर्वक मरा । इस प्रकार संक्लेश पूर्वक मरकर पिता और पुत्र दोनों कुत्ते हुए । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.96- | <span class="HindiText"> जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में सद्रतुनगर के भावन वणिक् का पुत्र । इसने व्यसनों में पड़कर पिता का धन नष्ट कर दिया था और भ्रांति में पड़कर अपने पिता को भी मार डाला था । अंत में यह भी दु:ख पूर्वक मरा । इस प्रकार संक्लेश पूर्वक मरकर पिता और पुत्र दोनों कुत्ते हुए । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#96|पद्मपुराण - 5.96-10]]8 </span></span> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ह]] | [[Category: ह]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 22:36, 17 November 2023
जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र में सद्रतुनगर के भावन वणिक् का पुत्र । इसने व्यसनों में पड़कर पिता का धन नष्ट कर दिया था और भ्रांति में पड़कर अपने पिता को भी मार डाला था । अंत में यह भी दु:ख पूर्वक मरा । इस प्रकार संक्लेश पूर्वक मरकर पिता और पुत्र दोनों कुत्ते हुए । पद्मपुराण - 5.96-108