अबद्ध: Difference between revisions
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<span class="GRef">पंचाध्यायी / उत्तरार्ध श्लोक 96 </span> <span class="SanskritText"> मोहकर्मावृतो बद्धः स्यादबद्धस्तदत्ययात्।</span> | |||
< | <span class="HindiText">= मोहकर्म से युक्त ज्ञान को बद्ध तथा मोहकर्म के अभाव से ज्ञान को अबद्ध कहते हैं।</span> | ||
Latest revision as of 15:03, 31 August 2022
पंचाध्यायी / उत्तरार्ध श्लोक 96 मोहकर्मावृतो बद्धः स्यादबद्धस्तदत्ययात्। = मोहकर्म से युक्त ज्ञान को बद्ध तथा मोहकर्म के अभाव से ज्ञान को अबद्ध कहते हैं।