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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) पाँचवें नारायण पुरुषसिंह के पूर्वभव का नाम । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 206, 210 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) पाँचवें नारायण पुरुषसिंह के पूर्वभव का नाम । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#206|पद्मपुराण - 20.206]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#210|पद्मपुराण - 20.210]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) दशानन के पक्षधर राजाओं में एक राजा । इंद्र-विद्याधर को जीतने के लिए रावण के साथ यह भी गया था । <span class="GRef"> महापुराण 10.36-37 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) दशानन के पक्षधर राजाओं में एक राजा । इंद्र-विद्याधर को जीतने के लिए रावण के साथ यह भी गया था । <span class="GRef"> महापुराण 10.36-37 </span></p> | ||
<p id="3">(3) राजा धृतराष्ट्र और रानी गांधारी का अट्ठाईसवाँ पुत्र । <span class="GRef"> पांडवपुराण 8.196 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) राजा धृतराष्ट्र और रानी गांधारी का अट्ठाईसवाँ पुत्र । <span class="GRef"> पांडवपुराण 8.196 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
तिलोयपण्णत्ति/7/15-22 में वर्णित अठ्ठासी ग्रहों मेे से एक ग्रह —देखें- ग्रह।
पुराणकोष से
(1) पाँचवें नारायण पुरुषसिंह के पूर्वभव का नाम । पद्मपुराण - 20.206,पद्मपुराण - 20.210
(2) दशानन के पक्षधर राजाओं में एक राजा । इंद्र-विद्याधर को जीतने के लिए रावण के साथ यह भी गया था । महापुराण 10.36-37
(3) राजा धृतराष्ट्र और रानी गांधारी का अट्ठाईसवाँ पुत्र । पांडवपुराण 8.196