अशन: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= जिससे भूख मिट जाय वह अशन है।</p> | <p class="HindiText">= जिससे भूख मिट जाय वह अशन है।</p> | ||
< | <span class="GRef">अनगार धर्मामृत अधिकार 7/13/667</span> <p class="SanskritText">औरनाद्यशमनं।</p> | ||
<p class="HindiText">= भात दाल आदि भोज्य | <p class="HindiText">= भात दाल आदि भोज्य सामग्री को अशन कहते हैं। देखें [[ आहार#II.4.1 | आहार - II.4.1]]-आहारक दोष।</p> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> आहार के चार भेदों में एक भेद । ये भेद हैं― अशन, पानक, खाद्य और स्वाद्य । <span class="GRef"> महापुराण 9.46 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> आहार के चार भेदों में एक भेद । ये भेद हैं― अशन, पानक, खाद्य और स्वाद्य । <span class="GRef"> महापुराण 9.46 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
मूलाचार / आचारवृत्ति / गाथा 644
असणं खुहप्पसमणं।
= जिससे भूख मिट जाय वह अशन है।
अनगार धर्मामृत अधिकार 7/13/667
औरनाद्यशमनं।
= भात दाल आदि भोज्य सामग्री को अशन कहते हैं। देखें आहार - II.4.1-आहारक दोष।
पुराणकोष से
आहार के चार भेदों में एक भेद । ये भेद हैं― अशन, पानक, खाद्य और स्वाद्य । महापुराण 9.46