अव्याबाध
From जैनकोष
ब्रह्मलोक के निवासी, पूर्वभव के श्रुतज्ञानाभ्यासी, महाऋद्धिधारी और ब्रह्मचारी लौकांतिक देवों का सातवां भेद । महापुराण 17.47-50, वीरवर्द्धमान चरित्र 12.2-8
ब्रह्मलोक के निवासी, पूर्वभव के श्रुतज्ञानाभ्यासी, महाऋद्धिधारी और ब्रह्मचारी लौकांतिक देवों का सातवां भेद । महापुराण 17.47-50, वीरवर्द्धमान चरित्र 12.2-8