सिरा: Difference between revisions
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<span class="GRef">भगवती आराधना / मूल या टीका गाथा 1028-1029</span><p class="PrakritText"> ण्हारूण णवसदाइं सिरासदाणि य हवंति सत्तेव। देहम्मि मंसपेसाणि हुति पंचेव य सदाणि ।1028। चत्तारि सिरजालाणि हुंति सोलस य कंडराणि तहा। छच्चेव सिराकुच्चादेहे दो मंसरज्जू य ।1029। .... </p> | |||
<p class="HindiText">= इस मनुष्य के देह में 900 स्नायु हैं, 700 सिरा हैं, 500 मांसपेशियां हैं ।1028। 4 जाल हैं, 16 कंडरा हैं, 6 सिराओं के मूल हैं, और 2 मांस रज्जू हैं ।1029। ..... स्वभावतः शरीर में इन अवयवों का प्रमाण कहा है।</p> | |||
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<p class="HindiText">औदारिक शरीर में सिराओं का प्रमाण-देखें [[ औदारिक#1.7 | औदारिक - 1.7]]।</p> | |||
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Latest revision as of 15:51, 19 March 2023
भगवती आराधना / मूल या टीका गाथा 1028-1029
ण्हारूण णवसदाइं सिरासदाणि य हवंति सत्तेव। देहम्मि मंसपेसाणि हुति पंचेव य सदाणि ।1028। चत्तारि सिरजालाणि हुंति सोलस य कंडराणि तहा। छच्चेव सिराकुच्चादेहे दो मंसरज्जू य ।1029। ....
= इस मनुष्य के देह में 900 स्नायु हैं, 700 सिरा हैं, 500 मांसपेशियां हैं ।1028। 4 जाल हैं, 16 कंडरा हैं, 6 सिराओं के मूल हैं, और 2 मांस रज्जू हैं ।1029। ..... स्वभावतः शरीर में इन अवयवों का प्रमाण कहा है।
औदारिक शरीर में सिराओं का प्रमाण-देखें औदारिक - 1.7।