सिरिपाल चरिउ
From जैनकोष
- कवि रइधु (वि.1475-1556) कृत श्रीपाल मैना सुंदरी आख्यान। अपभ्रंश काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/203)।
- कवि ब्रह्म दोमीदर (वि.श.16 उत्तरार्ध) कृत अपभ्रंश काव्य। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/196)।