स्पर्शन: Difference between revisions
From जैनकोष
mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> पांच इंद्रियों में प्रथम इंद्रिय । शीत, उष्ण, गुरु, लघु आदि का ज्ञान इसी से होता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 14.113, </span>देखें [[ स्पर्श ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> पांच इंद्रियों में प्रथम इंद्रिय । शीत, उष्ण, गुरु, लघु आदि का ज्ञान इसी से होता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_14#113|पद्मपुराण - 14.113]], </span>देखें [[ स्पर्श ]]</p> | ||
</div> | </div> | ||
Revision as of 22:36, 17 November 2023
पांच इंद्रियों में प्रथम इंद्रिय । शीत, उष्ण, गुरु, लघु आदि का ज्ञान इसी से होता है । पद्मपुराण - 14.113, देखें स्पर्श