अवगाढ रुचि: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>देखें [[ सम्यग्दर्शन#I.1 | सम्यग्दर्शन - I.1]]।</p> | <span class="HindiText"> सम्यग्दर्शन की दस रुचियों में से नौवीं अवगाढ़ रुचि है। </p> | ||
<span class="SanskritText"><span class="GRef"> राजवार्तिक/3/36/2/201/13 </span> आचारादिद्वादशांगाभिनिविष्टश्रद्धाना अवगाढरुचय:। </span> =<span class="HindiText"> आचारांग आदि द्वादशांग में जिनका अतिदृढ़ श्रद्धान है, वे '''अवगाढरुचि''' हैं। </span></p> | |||
<p class="HindiText"> अधिक विस्तार के लिए देखें [[ सम्यग्दर्शन#I.1 | सम्यग्दर्शन - I.1]]।</p> | |||
Revision as of 11:28, 29 October 2022
सम्यग्दर्शन की दस रुचियों में से नौवीं अवगाढ़ रुचि है।
राजवार्तिक/3/36/2/201/13 आचारादिद्वादशांगाभिनिविष्टश्रद्धाना अवगाढरुचय:। = आचारांग आदि द्वादशांग में जिनका अतिदृढ़ श्रद्धान है, वे अवगाढरुचि हैं।
अधिक विस्तार के लिए देखें सम्यग्दर्शन - I.1।