अवगाढ रुचि
From जैनकोष
सम्यग्दर्शन के दस प्रकारों में से नौवा प्रकार अवगाढ़-रुचि (सम्यक्त्व) है।
राजवार्तिक/3/36/2/201/13 आचारादिद्वादशांगाभिनिविष्टश्रद्धाना अवगाढरुचय:। = आचारांग आदि द्वादशांग में जिनका अतिदृढ़ श्रद्धान है, वे अवगाढरुचि हैं।
सम्यग्दर्शन के अन्य भेदों की जानकारी हेतु देखें सम्यग्दर्शन - I.1।