अजीव बंध: Difference between revisions
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<span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/1/4/14/4 </span><span class="SanskritText">आत्मकर्मणोरन्योन्यप्रवेशानुप्रवेशात्मकोऽजीव: । </span>=<span class="HindiText"> आत्मा और कर्म के प्रदेशों का परस्पर मिल जाना <b>अजीव बंध</b> है । | <span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/1/4/14/4 </span><span class="SanskritText">आत्मकर्मणोरन्योन्यप्रवेशानुप्रवेशात्मकोऽजीव: । </span>=<span class="HindiText"> आत्मा और कर्म के प्रदेशों का परस्पर मिल जाना <b>अजीव बंध</b> है । <span class="GRef">( राजवार्तिक/1/4/17/26/29 )</span> । </span><br /> | ||
Latest revision as of 22:14, 17 November 2023
सर्वार्थसिद्धि/1/4/14/4 आत्मकर्मणोरन्योन्यप्रवेशानुप्रवेशात्मकोऽजीव: । = आत्मा और कर्म के प्रदेशों का परस्पर मिल जाना अजीव बंध है । ( राजवार्तिक/1/4/17/26/29 ) ।
- अधिक जानकारी के लिये देखें बंध ।