अष्टमी व्रत: Difference between revisions
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<p>1. व्रत-विधान संग्रह। पृ. 123-कुल समय 8 वर्ष; कुल उपवास = 196; विधि = प्रतिमास की प्रत्येक अष्टमी को उपवास करे। इस प्रकार आठ वर्ष की 192 अष्टमी तथा दो अधिक मासों की 4 अष्टमी। कुल 196 अष्टमियों के 196 उपवास करे। </br> | <p><span class="HindiText"> 1. व्रत-विधान संग्रह। पृ. 123-कुल समय 8 वर्ष; कुल उपवास = 196; विधि = प्रतिमास की प्रत्येक अष्टमी को उपवास करे। इस प्रकार आठ वर्ष की 192 अष्टमी तथा दो अधिक मासों की 4 अष्टमी। कुल 196 अष्टमियों के 196 उपवास करे।</span> </br> | ||
जाप्यमंत्र = <span class="SanskritGatha"> ओं ह्रीं णमो सिद्धाणं सिद्धाधिपतये नमः।</span> <span class="HindiText"> इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे।</span></p> | जाप्यमंत्र = <span class="SanskritGatha"> ओं ह्रीं णमो सिद्धाणं सिद्धाधिपतये नमः।</span> <span class="HindiText"> इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे।</span></p> | ||
<p>2. गंध अष्टमी व्रत; निःशल्य अष्टमी व्रत; मनचिंतीअष्टमी व्रत - देखें [[ गंधअष्टमी_व्रत ]] ; [[ नि:शल्य_अष्टमी_व्रत]] [[ मनचिंती_अष्टमी_व्रत]]</p> | <p><span class="HindiText"> 2. गंध अष्टमी व्रत; निःशल्य अष्टमी व्रत; मनचिंतीअष्टमी व्रत - देखें [[ गंधअष्टमी_व्रत ]] ; [[ नि:शल्य_अष्टमी_व्रत]] [[ मनचिंती_अष्टमी_व्रत]]</span></p> | ||
Revision as of 12:32, 23 December 2022
1. व्रत-विधान संग्रह। पृ. 123-कुल समय 8 वर्ष; कुल उपवास = 196; विधि = प्रतिमास की प्रत्येक अष्टमी को उपवास करे। इस प्रकार आठ वर्ष की 192 अष्टमी तथा दो अधिक मासों की 4 अष्टमी। कुल 196 अष्टमियों के 196 उपवास करे।
जाप्यमंत्र = ओं ह्रीं णमो सिद्धाणं सिद्धाधिपतये नमः। इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे।
2. गंध अष्टमी व्रत; निःशल्य अष्टमी व्रत; मनचिंतीअष्टमी व्रत - देखें गंधअष्टमी_व्रत ; नि:शल्य_अष्टमी_व्रत मनचिंती_अष्टमी_व्रत