लोकाग्रवास: Difference between revisions
From जैनकोष
Anita jain (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> लोक के शिखर पर स्थित अष्टम प्राग्भार भूमि । यहाँ मुक्त जीव रहते है । यह ‘‘लोकाग्रवासिने नमो नम:’’ इस पीठिका मंत्र से प्रकट होता है । <span class="GRef"> महापुराण 40.19, 42.107 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> लोक के शिखर पर स्थित अष्टम प्राग्भार भूमि । यहाँ मुक्त जीव रहते है । यह ‘‘लोकाग्रवासिने नमो नम:’’ इस पीठिका मंत्र से प्रकट होता है । <span class="GRef"> महापुराण 40.19, 42.107 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
लोक के शिखर पर स्थित अष्टम प्राग्भार भूमि । यहाँ मुक्त जीव रहते है । यह ‘‘लोकाग्रवासिने नमो नम:’’ इस पीठिका मंत्र से प्रकट होता है । महापुराण 40.19, 42.107