लोकबिंदुसार: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> पूर्वगत श्रुत का एक भेद-चौदहवाँ पूर्व । इसमें बारह करोड़ पचास लाख पद है । इन पदों में श्रुतसंपदा के द्वारा अंकराशि, आठ प्रकार के व्यवहार की विधि तथा परिकर्म बताये गये हैं । <span class="GRef"> महापुराण 2.100, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.121-122 </span>देखें [[ पूर्व ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> द्वादशांग के बारहवें भेद दृष्टिवादांग के पांच भेदों में से पूर्वगत श्रुत का एक भेद-चौदहवाँ पूर्व लोकबिंदुसार । इसमें बारह करोड़ पचास लाख पद है । इन पदों में श्रुतसंपदा के द्वारा अंकराशि, आठ प्रकार के व्यवहार की विधि तथा परिकर्म बताये गये हैं । <span class="GRef"> महापुराण 2.100, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.121-122 </span>देखें [[ पूर्व ]]</p> | ||
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Revision as of 22:07, 5 January 2023
द्वादशांग के बारहवें भेद दृष्टिवादांग के पांच भेदों में से पूर्वगत श्रुत का एक भेद-चौदहवाँ पूर्व लोकबिंदुसार । इसमें बारह करोड़ पचास लाख पद है । इन पदों में श्रुतसंपदा के द्वारा अंकराशि, आठ प्रकार के व्यवहार की विधि तथा परिकर्म बताये गये हैं । महापुराण 2.100, हरिवंशपुराण 10.121-122 देखें पूर्व