उपवन भूमि: Difference between revisions
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<p class="HindiText">समवशरणकी चौथी भूमि - देखें [[ समवशरण ]]।</p> | <span class="GRef">तिलोयपण्णत्ति/4/ गाथा सं. 814</span><br> <p class="HindiText"> समवशरण में उपवन भूमि का प्रमाण चैत्य भूमि के प्रमाण से दुगुना होता है।</p> | ||
<p class="HindiText">समवशरणकी चौथी भूमि - अधिक जानकारी के लिया देखें [[ समवशरण ]]।</p> | |||
Latest revision as of 09:27, 29 June 2023
तिलोयपण्णत्ति/4/ गाथा सं. 814
समवशरण में उपवन भूमि का प्रमाण चैत्य भूमि के प्रमाण से दुगुना होता है।
समवशरणकी चौथी भूमि - अधिक जानकारी के लिया देखें समवशरण ।