उपवन भूमि
From जैनकोष
तिलोयपण्णत्ति/4/ गाथा सं. 814
समवशरण में उपवन भूमि का प्रमाण चैत्य भूमि के प्रमाण से दुगुना होता है।
समवशरणकी चौथी भूमि - अधिक जानकारी के लिया देखें समवशरण ।
तिलोयपण्णत्ति/4/ गाथा सं. 814
समवशरण में उपवन भूमि का प्रमाण चैत्य भूमि के प्रमाण से दुगुना होता है।
समवशरणकी चौथी भूमि - अधिक जानकारी के लिया देखें समवशरण ।