मानसवेग: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्वर्णिम नगर के स्वामी मनोवेग विद्याधर का पुत्र और वेगवती का भाई । यह यद्यपि वसुदेव की सोमश्री रानी को हरकर अपने नगर ले गया था परंतु अंत में वह वसुदेव का हितैषी हो गया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 24.69-72, 26.27, 51.3 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्वर्णिम नगर के स्वामी मनोवेग विद्याधर का पुत्र और वेगवती का भाई । यह यद्यपि वसुदेव की सोमश्री रानी को हरकर अपने नगर ले गया था परंतु अंत में वह वसुदेव का हितैषी हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_24#69|हरिवंशपुराण - 24.69-72]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_26#27|हरिवंशपुराण - 26.27], 51.3 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्वर्णिम नगर के स्वामी मनोवेग विद्याधर का पुत्र और वेगवती का भाई । यह यद्यपि वसुदेव की सोमश्री रानी को हरकर अपने नगर ले गया था परंतु अंत में वह वसुदेव का हितैषी हो गया था । हरिवंशपुराण - 24.69-72,[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_26#27|हरिवंशपुराण - 26.27], 51.3