वीरदीक्षा: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: | [[Category: चरणानुयोग]] |
Revision as of 17:39, 5 April 2023
निर्भय और वीर पुरुषों द्वारा ग्रहण की गयी निर्ग्रंथ दीक्षा । ऐसा दीक्षित पुरुष देव, शास्त्र और गुरु को छोड़कर किसी अन्य को प्रणाम नहीं करता । महापुराण 34.109