वीरदीक्षा
From जैनकोष
निर्भय और वीर पुरुषों द्वारा ग्रहण की गयी निर्ग्रंथ दीक्षा । ऐसा दीक्षित पुरुष देव, शास्त्र और गुरु को छोड़कर किसी अन्य को प्रणाम नहीं करता । महापुराण 34.109
निर्भय और वीर पुरुषों द्वारा ग्रहण की गयी निर्ग्रंथ दीक्षा । ऐसा दीक्षित पुरुष देव, शास्त्र और गुरु को छोड़कर किसी अन्य को प्रणाम नहीं करता । महापुराण 34.109