शकुन: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> शुभ अथवा अशुभ सूचक लक्षण । अग्निज्वाला का दक्षिणावर्त से प्रज्वलित होना, मयूर का बोलना, अलंकृता नारी के दर्शन, सुगंधित वायु-प्रवाह, मुनि दर्शन, घोड़ों का हिनहिनाना, घंटनाद, दधिपूरित कलश, बायीं ओर नये गोबर को बिखेरते तथा पंख फैलाए कौए का दिखाई देना और भेरी-शंख-निनाद आदि शुभ सूचक शकुन है । <span class="GRef"><br> पद्मपुराण 54.49-53 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> शुभ अथवा अशुभ सूचक का लक्षण । अग्निज्वाला का दक्षिणावर्त से प्रज्वलित होना, मयूर का बोलना, अलंकृता नारी के दर्शन, सुगंधित वायु-प्रवाह, मुनि दर्शन, घोड़ों का हिनहिनाना, घंटनाद, दधिपूरित कलश, बायीं ओर नये गोबर को बिखेरते तथा पंख फैलाए कौए का दिखाई देना और भेरी-शंख-निनाद आदि शुभ सूचक शकुन है । <span class="GRef"><br> पद्मपुराण 54.49-53 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Revision as of 12:13, 16 February 2023
शुभ अथवा अशुभ सूचक का लक्षण । अग्निज्वाला का दक्षिणावर्त से प्रज्वलित होना, मयूर का बोलना, अलंकृता नारी के दर्शन, सुगंधित वायु-प्रवाह, मुनि दर्शन, घोड़ों का हिनहिनाना, घंटनाद, दधिपूरित कलश, बायीं ओर नये गोबर को बिखेरते तथा पंख फैलाए कौए का दिखाई देना और भेरी-शंख-निनाद आदि शुभ सूचक शकुन है ।
पद्मपुराण 54.49-53