चारित्राराधना: Difference between revisions
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<p> दर्शन, ज्ञान, चारित्र और तप― इन चतुर्विध आराधनाओं में तीसरी आराधना । इसमें पाप कर्मों से निवृत्ति और आत्मा के चैतन्य रूप में प्रवृत्ति होती है । <span class="GRef"> पांडवपुराण 19.263-266 </span></p> | |||
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Revision as of 21:40, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें आराधना ।
पुराणकोष से
दर्शन, ज्ञान, चारित्र और तप― इन चतुर्विध आराधनाओं में तीसरी आराधना । इसमें पाप कर्मों से निवृत्ति और आत्मा के चैतन्य रूप में प्रवृत्ति होती है । पांडवपुराण 19.263-266