सौमनस्य: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> (1) सुमेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित एक रजतमय पर्वत । इसके सात कूट हैं― सिद्धकूट, सौमनसकूट, देवकुरुकूट, मंगलकूट, विमलकूट, कांचनकूट और विशिष्टक कूट । <span class="GRef"> महापुराण 63. 141, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.212, 221 </span></p> | <div class="HindiText"> (1) सुमेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित एक रजतमय पर्वत । इसके सात कूट हैं― सिद्धकूट, सौमनसकूट, देवकुरुकूट, मंगलकूट, विमलकूट, कांचनकूट और विशिष्टक कूट । <span class="GRef"> महापुराण 63. 141, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#212|हरिवंशपुराण - 5.212]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#221|हरिवंशपुराण - 5.221]] </span></p> | ||
(2) ऊर्ध्वग्रैवेयक का दूसरा इंद्रक विमान । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6.53 </span></p> | (2) ऊर्ध्वग्रैवेयक का दूसरा इंद्रक विमान । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_6#53|हरिवंशपुराण - 6.53]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
(1) सुमेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित एक रजतमय पर्वत । इसके सात कूट हैं― सिद्धकूट, सौमनसकूट, देवकुरुकूट, मंगलकूट, विमलकूट, कांचनकूट और विशिष्टक कूट । महापुराण 63. 141, हरिवंशपुराण - 5.212,हरिवंशपुराण - 5.221
(2) ऊर्ध्वग्रैवेयक का दूसरा इंद्रक विमान । हरिवंशपुराण - 6.53