महेंद्रसेन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) वानरवंशी एक राजा । इसका पुत्र प्रसन्नकीर्ति रावण का पक्षधर थ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#205|पद्मपुराण - 12.205-206]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) वानरवंशी एक राजा । इसका पुत्र प्रसन्नकीर्ति रावण का पक्षधर थ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#205|पद्मपुराण - 12.205-206]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक मुनि । अयोध्या का सेठ समुद्रदत्त और उसके दोनों पुत्र पूर्णभद्र इन्हीं से धर्म श्रवण कर दीक्षित हुए थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 43.150 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) एक मुनि । अयोध्या का सेठ समुद्रदत्त और उसके दोनों पुत्र पूर्णभद्र इन्हीं से धर्म श्रवण कर दीक्षित हुए थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_43#150|हरिवंशपुराण - 43.150]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
(1) वानरवंशी एक राजा । इसका पुत्र प्रसन्नकीर्ति रावण का पक्षधर थ । पद्मपुराण - 12.205-206
(2) एक मुनि । अयोध्या का सेठ समुद्रदत्त और उसके दोनों पुत्र पूर्णभद्र इन्हीं से धर्म श्रवण कर दीक्षित हुए थे । हरिवंशपुराण - 43.150