मित्रयशा: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> पुष्पप्रकीर्ण नगर के अमोघशर ब्राह्मण की पत्नी । यह विधवा थी । इसने पति की बाण-विद्या का स्मरण कराकर अपने पुत्र श्रीवर्धित को विद्या सीखने के लिए उत्साहित किया था तथा श्रीवद्धित भी विद्या पढ़कर इतना चतुर हो गया था कि चतुराई के कारण उसे पोदमपुर का राज्य भी मिल गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_80#168|पद्मपुराण - 80.168-176]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पुष्पप्रकीर्ण नगर के अमोघशर ब्राह्मण की पत्नी । यह विधवा थी । इसने पति की बाण-विद्या का स्मरण कराकर अपने पुत्र श्रीवर्धित को विद्या सीखने के लिए उत्साहित किया था तथा श्रीवद्धित भी विद्या पढ़कर इतना चतुर हो गया था कि चतुराई के कारण उसे पोदमपुर का राज्य भी मिल गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_80#168|पद्मपुराण - 80.168-176]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
पुष्पप्रकीर्ण नगर के अमोघशर ब्राह्मण की पत्नी । यह विधवा थी । इसने पति की बाण-विद्या का स्मरण कराकर अपने पुत्र श्रीवर्धित को विद्या सीखने के लिए उत्साहित किया था तथा श्रीवद्धित भी विद्या पढ़कर इतना चतुर हो गया था कि चतुराई के कारण उसे पोदमपुर का राज्य भी मिल गया था । पद्मपुराण - 80.168-176