विचित्रमाला: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) नलकूबर की पत्नी उपरंभा की सखी । उपरंभा के द्वारा नलकूबर में अनासक्ति और रावण में आसक्ति प्रकट किये जाने पर इसने रावण के पास जाकर उपरंभा के भाव प्रकट किये ये और यह रावण के कहने पर उपरंभा को उसके निकट ले गयी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#97|पद्मपुराण - 12.97- | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) नलकूबर की पत्नी उपरंभा की सखी । उपरंभा के द्वारा नलकूबर में अनासक्ति और रावण में आसक्ति प्रकट किये जाने पर इसने रावण के पास जाकर उपरंभा के भाव प्रकट किये ये और यह रावण के कहने पर उपरंभा को उसके निकट ले गयी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#97|पद्मपुराण - 12.97-133]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) नलकूबर की पत्नी उपरंभा की सखी । उपरंभा के द्वारा नलकूबर में अनासक्ति और रावण में आसक्ति प्रकट किये जाने पर इसने रावण के पास जाकर उपरंभा के भाव प्रकट किये ये और यह रावण के कहने पर उपरंभा को उसके निकट ले गयी थी । पद्मपुराण - 12.97-133
(2) राजा सुकौशल की रानी । सुकौशल ने इसके गर्भस्थ शिशु को राज्य देकर तप धारण कर लिया था । गर्भ का समय पूर्ण होने पर इसके हिरण्यगर्भ नाम का पुत्र हुआ । पद्मपुराण - 22.42-47, 101-102