सामंतवर्द्धन: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> विदेहक्षेत्र में रत्नसंचयनगर के मणि मंत्री का पुत्र । इसने राजा के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे । अंत में मरकर यह ग्रैवेयक विमान में अहमिंद्र हुआ और वहाँँ से च्युत होकर रथनूपुर नगर में सहस्रार विद्याधर का इंद्र नामक पुत्र हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_13#62|पद्मपुराण - 13.62-66]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> विदेहक्षेत्र में रत्नसंचयनगर के मणि मंत्री का पुत्र । इसने राजा के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे । अंत में मरकर यह ग्रैवेयक विमान में अहमिंद्र हुआ और वहाँँ से च्युत होकर रथनूपुर नगर में सहस्रार विद्याधर का इंद्र नामक पुत्र हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_13#62|पद्मपुराण - 13.62-66]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
विदेहक्षेत्र में रत्नसंचयनगर के मणि मंत्री का पुत्र । इसने राजा के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे । अंत में मरकर यह ग्रैवेयक विमान में अहमिंद्र हुआ और वहाँँ से च्युत होकर रथनूपुर नगर में सहस्रार विद्याधर का इंद्र नामक पुत्र हुआ । पद्मपुराण - 13.62-66