भव्यसेन: Difference between revisions
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श्रावस्ती नगरी संघनायक एकादशांगधारी तपस्वी थे। मुनिगुप्त ने एक विद्याधर द्वारा रानी रेवती को धर्मवृद्धि भेजी, परन्तु इनके लिए कोई सन्देश न भेजा। तब उस विद्याधर ने इनकी परीक्षा ली, जिसमें ये असफल रहे। (वृ.क.को./कथा नं. 7/पृ. 21-26)। | |||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
श्रावस्ती नगरी संघनायक एकादशांगधारी तपस्वी थे। मुनिगुप्त ने एक विद्याधर द्वारा रानी रेवती को धर्मवृद्धि भेजी, परन्तु इनके लिए कोई सन्देश न भेजा। तब उस विद्याधर ने इनकी परीक्षा ली, जिसमें ये असफल रहे। (वृ.क.को./कथा नं. 7/पृ. 21-26)।