सान: Difference between revisions
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ध.13/5,5,37/242/3 स्यति छिनत्ति हन्ति विनाशयति अनध्यवसायमित्यवग्रह: सानम् । =जो अनध्यवसाय को छेदता है, नष्ट करता है, वह अवग्रह का तीसरा नाम सान है। | |||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
ध.13/5,5,37/242/3 स्यति छिनत्ति हन्ति विनाशयति अनध्यवसायमित्यवग्रह: सानम् । =जो अनध्यवसाय को छेदता है, नष्ट करता है, वह अवग्रह का तीसरा नाम सान है।