आत्मरक्षा: Difference between revisions
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<p> आत्मा को कर्म बन्धन से मुक्त कराने वाले संयम का आचरण । ‘राजा को स्वरूप के विषय में भी चिन्तन, मनन और आचरण करना चाहिये’ इस प्रसंग को लेकर हुई एक परिचर्या । महापुराण 42.49, 136</p> | <p> आत्मा को कर्म बन्धन से मुक्त कराने वाले संयम का आचरण । ‘राजा को स्वरूप के विषय में भी चिन्तन, मनन और आचरण करना चाहिये’ इस प्रसंग को लेकर हुई एक परिचर्या । <span class="GRef"> महापुराण 42.49, 136 </span></p> | ||
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
आत्मा को कर्म बन्धन से मुक्त कराने वाले संयम का आचरण । ‘राजा को स्वरूप के विषय में भी चिन्तन, मनन और आचरण करना चाहिये’ इस प्रसंग को लेकर हुई एक परिचर्या । महापुराण 42.49, 136