मंदार: Difference between revisions
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<p> गन्धिलदेश के विजयार्ध पर्वत के पुष्पपादप । इन वृक्षों के पास शीतल, मन्द और सुगन्धित वायु बहती है । महापुराण 4.100, 197</p> | <p> गन्धिलदेश के विजयार्ध पर्वत के पुष्पपादप । इन वृक्षों के पास शीतल, मन्द और सुगन्धित वायु बहती है । <span class="GRef"> महापुराण 4.100, 197 </span></p> | ||
Revision as of 21:45, 5 July 2020
गन्धिलदेश के विजयार्ध पर्वत के पुष्पपादप । इन वृक्षों के पास शीतल, मन्द और सुगन्धित वायु बहती है । महापुराण 4.100, 197