मुरज: Difference between revisions
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<p> वृषभदेव के समय का एक मांगलिक वाद्य । इसकी ध्वनि मधुर और सुखत होती थी । राम के समय में भी इसका प्रयोग होता था । ये मांगलिक अवसरों पर बनाये जाते थे । महापुराण 12.207, पद्मपुराण 40. 30</p> | <p> वृषभदेव के समय का एक मांगलिक वाद्य । इसकी ध्वनि मधुर और सुखत होती थी । राम के समय में भी इसका प्रयोग होता था । ये मांगलिक अवसरों पर बनाये जाते थे । <span class="GRef"> महापुराण 12.207, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 40. 30 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
वृषभदेव के समय का एक मांगलिक वाद्य । इसकी ध्वनि मधुर और सुखत होती थी । राम के समय में भी इसका प्रयोग होता था । ये मांगलिक अवसरों पर बनाये जाते थे । महापुराण 12.207, पद्मपुराण 40. 30