रोहितकूट: Difference between revisions
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<p> भरतक्षेत्र के हिमवत् कुलाचल का सातवाँ कूट । इसकी ऊँचाई पच्चीस योजन है । विस्तार मूल में पच्चीस योजन, मध्य में पौने उन्नीस योजन और ऊपर साढ़े बारह योजन है । हरिवंशपुराण 5. 54-56</p> | <p> भरतक्षेत्र के हिमवत् कुलाचल का सातवाँ कूट । इसकी ऊँचाई पच्चीस योजन है । विस्तार मूल में पच्चीस योजन, मध्य में पौने उन्नीस योजन और ऊपर साढ़े बारह योजन है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5. 54-56 </span></p> | ||
Revision as of 21:46, 5 July 2020
भरतक्षेत्र के हिमवत् कुलाचल का सातवाँ कूट । इसकी ऊँचाई पच्चीस योजन है । विस्तार मूल में पच्चीस योजन, मध्य में पौने उन्नीस योजन और ऊपर साढ़े बारह योजन है । हरिवंशपुराण 5. 54-56