लोलुभ: Difference between revisions
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<p> जयसेन के पूर्वभव का जीव-सुप्रतिष्ठ नगर का एक हलवाई । इतने लोभाकृष्ट होकर अपने पैर काट डाले थे । पुत्र को मार डाला था और स्वयं भी राजा के द्वारा मारा गया तथा मरकर यह नेवला हुआ । महापुराण 8.234-241, 47.376</p> | <p> जयसेन के पूर्वभव का जीव-सुप्रतिष्ठ नगर का एक हलवाई । इतने लोभाकृष्ट होकर अपने पैर काट डाले थे । पुत्र को मार डाला था और स्वयं भी राजा के द्वारा मारा गया तथा मरकर यह नेवला हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 8.234-241, 47.376 </span></p> | ||
Revision as of 21:46, 5 July 2020
जयसेन के पूर्वभव का जीव-सुप्रतिष्ठ नगर का एक हलवाई । इतने लोभाकृष्ट होकर अपने पैर काट डाले थे । पुत्र को मार डाला था और स्वयं भी राजा के द्वारा मारा गया तथा मरकर यह नेवला हुआ । महापुराण 8.234-241, 47.376