सुखानुबन्ध: Difference between revisions
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Revision as of 15:16, 13 May 2020
सल्लेखना व्रत के पाँच अतिचारों में एक अतिचार― पहले भोगे हुए सुखों का स्मरण करना । हरिवंशपुराण 58.184