उत्तराध्ययन: Difference between revisions
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<p> अंग बाह्यश्रुत के चौदह भेदों में आठवाँ अंगबाह्य श्रुत । इसमें भगवान महावीर के निर्वाण का वर्णन है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2. 103, 10. 134 </span></p> | |||
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
द्वादशांग श्रुतज्ञानका 8वाँ अंगबाह्य - देखें श्रुतज्ञान - III।
पुराणकोष से
अंग बाह्यश्रुत के चौदह भेदों में आठवाँ अंगबाह्य श्रुत । इसमें भगवान महावीर के निर्वाण का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2. 103, 10. 134